आज कितनी आसानी से हमे गद्दार कहा जाता हैं,Aaj kitni Aasani SE hame gaddar kaha jata hai

 मुल्क के हालात और मीडिया की दलाली से बेहद दुखी और परेशान हूँ... इसी लिए ये पोस्ट कर रहा हूँ.. ये जो तस्वीर में दो नौ-जवान नज़र आ रहे हैँ ये मशहूर शायर और आख़िरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फर के साहबज़ादे हैँ... मिर्ज़ा शाह अब्बास और मिर्ज़ा जवान बख्त.. अंग्रेज़ों ने इन दोनों के सर काट कर बहादुर शाह ज़फर को थाल में रख कर भेजे थे... साथ में अंग्रेज़ों का एक नुमाइंदा था जिसने बहादुर शाह ज़फर से कहा था... 


दमदमे में दम नहीं है ख़ैर मांगो जान की . 

अय ज़फर ठंडी हुयी अब तेग़ हिन्दुस्तान की . 


बहादुर शाह ज़फर ने ये सुन कर जवाब में कहा था.. 


ग़ाज़ियों में बू रहेगी जब तलक ईमान की . 

तख़्त-ए-लन्दन तक चलेगी तेग़ हिन्दुस्तान की . 


आज कितनी आसानी से उसी क़ौम को ग़द्दार कह दिया जाता है.. 

 🇮🇳



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