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Showing posts from February, 2023

छोटी बच्चियों के लिए हिन्दी मे इस्लाही तक़रीर

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  السلام علیکم ورحمۃ للہ وبرکاتہ بسم اللہ الرحمٰن الرحیم الحمد للہ کفٰی وسلام علٰی عبادہِ الذّین الصطفیٰ اماّ بعد قال رسولُاللہِ صلّی اللہُ علیہِ وسلم طَلَبُ العِلمِ فریضۃ علیٰ کلّ مسلم وَّ مُسلمۃُ मोहतरम सामीने इज़ाम ओर इस्टेज पर उलैमा ए किराम वा असातीज़ा ए किराम मै अपनी तक़रीर की इब्तिदा एक शेर से करना चहुंगी के ‘’ ये आलम ये बूत खाना ईं चशमा गोश , जहां ज़िंदगी हे फक्त खुर्द नोश , तेरी आग इस खाक से नहीं , जहां तुझ से हे तू जहां से नहीं , बढ़े जा ये कोहे गिरा तोड़ कर , फिलिस मे जमानो मकां तोड़ कर , हर एक मुंतजिर तेरी यालगर का , तेरी शोकिए फिकरो किरदार का ,, जनाब सदरे आली वकार: मेरी तक़रीर का मोजू हमारी कॉम मे तालीमी बेदारी कैसे हो इस पर किसी कहने वाले ने कहा ‘’ जिस कॉम के बच्चे न हों खुद्दार ना हुनर मंद उस कॉम से तारीख के माअमार ना मांगो ,, मोजू को देख कर मे डर सी गयी सहम सी गयी बोखला सी गयी क्यूँ न डरती क्यूँ न सहम ती क्यूँ न बोखलाती क्यूंके मेरी ही नज़र मे नहीं , बलके हम सबकी नज़रों के सामने रोजाना मानाजिर नज़र मे आते हे क्यों के हम देखते हे के हमारी कॉम का हर दूसरा बच...

मुकालमा ए आम्मा मदरसो की तालिबा ओर तलबा के लिए बेहतरीन गुफ़्तुगु mukalma e aamma مکالما

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अस्सलमु आलैकुम दोस्तो ओर मेरे प्यारे भाई ओर बहनों उम्मीद हे आप सभी खेरियात से होगे आप सभी को मालूम होगा ये हमारी प्यारी ओर महबूब  अंजुमन इस्लाहुल लिसान  अपने प्लेट फार्म से रवाना हो चुकी हे  ओर आप से बस दुआ की दरखास्त हे के ये हमारी महबूब बज्म इस्लाहुल लिसान अपनी मंजिल तक पहुँच जाए,  आसिफ उमर मदरसा फुरक़ानिया  ओसिक्का बागपत उत्तर प्रदेश                                       सफा नंबर 1 सवाल     सवाल 1 ,अस्सालामु   आलैकुम सवाल 2 , मेरी प्यारी बहन खेरियत से हो ? सवाल 3 , मेरी प्यारी बहन बहुत जल्दी मे हो कहाँ जा रही हो ? सवाल 4 , मेरी प्यारी बहन अच्छा अगर ऐसी बात है तो चलो हम भी चलते हैं ? सवाल 5 , मेरी प्यारी बहन अच्छा चलते-चलते कुछ बाते बतलाओ जेसा के आप मदरसा                      फुरक़ानिया की तालिबा है सवाल 6 , मेरी प्यारी बहन ये बताओ के जमीन से सूरज कितनी दूर हैं सवाल 7 , मेरी प्...

Bukhari Sharif ki 8 no.hadish बुखारी शरीफ की नंबर 8 हदीस किताबुल ईमान से

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   صحیح البخاری کتاب: ایمان کا بیان باب: اسلام کی بنیاد پانچ چیزوں پر ہے حدیث نمبر: 8 حَدَّثَنَا عُبَيْدُ اللَّهِ بْنُ مُوسَی قَالَ أَخْبَرَنَا حَنْظَلَةُ بْنُ أَبِي سُفْيَانَ عَنْ عِکْرِمَةَ بْنِ خَالِدٍ عَنْ ابْنِ عُمَرَ  قَالَ قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّی  اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ   بُنِيَ الْإِسْلَامُ عَلَی خَمْسٍ شَهَادَةِ أَنْ لَا إِلَهَ إِلَّا اللَّهُ وَأَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ اللَّهِ وَإِقَامِ الصَّلَاةِ وَإِيتَائِ الزَّکَاةِ وَالْحَجِّ  وَصَوْمِ رَمَضَانَ ترجمہ:  ہم سے عبیداللہ بن موسیٰ نے یہ حدیث بیان کی۔ انہوں نے کہا کہ ہمیں اس کی بابت حنظلہ بن ابی سفیان نے خبر دی۔ انہوں نے عکرمہ بن خالد سے روایت کی انہوں نے عبداللہ بن عمر (رض) سے روایت کی کہ  رسول اللہ  ﷺ  نے فرمایا اسلام کی بنیاد پانچ چیزوں پر قائم کی گئی ہے۔ اول گواہی دینا کہ اللہ کے سوا کوئی معبود نہیں اور بیشک محمد  ﷺ  اللہ کے سچے رسول ہیں اور نماز قائم کرنا اور زکوٰۃ ادا کرنا اور حج کرنا اور رمضان کے روزے رکھنا ۔     Translation: Narrated Ibn...